उत्तर- सूरा अल-फ़ील और उसकी तफ़सीर:
(अल्लाह के नाम से, जो अत्यंत दयावान्, असीम दयालु है।
क्या तुमने नहीं देखा कि तेरे रब ने हाथी वालों के साथ क्या किया? क्या उसने उनकी चाल को विफल नहीं कर दिया? और उनपर पंक्षियों के दल भेजे। जो उनपर पकी कंकरी के पत्थर फेंक रहे थे। तो उन्हें कर दिया भूसा की तरह)। [सूरा अल-फ़ील: 1-5]
तफ़सीर (व्याख्या):
1- ''अलम तरा कैफ़ा फ़अ्ला रब्बुका बि अस़हाबिल फ़ील'', हे रसूल! क्या आप नहीं जानते कि आपके रब ने अब्रहा एवं उसके साथियों, -जो हाथी वालों के नाम से जाने जाते हैं- के साथ क्या किया, जब उन लोगों ने काबा को ध्वस्त करना चाहा?!
2- ''अलम यजअल कैदहुम फ़ी तज़लील'', अर्थात अल्लाह ने उनकी काबा को गिराने की दुष्ट चाल को नाकाम कर दिया, अतः उन्होंने काबा से लोगों को फेरने की जो इच्छा की थी, उसे वो पूरी नहीं कर सके और न ही वे काबा को कोई नुक़सान पहुँचा सके।
3- ''व अरसला अलैहिम त़ैरन अबाबील'', अल्लाह ने उनपर चिड़ियों को झुंड के झुंड भेजा।
4- ''तरमीहिम बिह़िजारतिम मिन सिज्जील'', उन चिड़ियों ने उनपर पकी हुई मिट्टी के पत्थरों की बारिश कर दी।
5- ''फ़जअ्लहुम कअस़फ़िम मअ्कूल'', तो अल्लाह ने उन्हें खाए तथा रौंदे हुए भूसे की तरह कर दिया।